सहरा में गुल खिलाओ तो कुछ बात बनेगी

सहरा में गुल खिलाओ तो कुछ बात बनेगी
गर्दिश में मुस्कुराओ तो कुछ बात बनेगी
ये क्या हुआ के जिस्म तक आ कर पलट गए
दिल तक उतर के आओ तो कुछ बात बनेगी
हर मोड़ पर हमने ही तुम्हें दी हैं सदायें
तुम भी कभी बुलाओ तो कुछ बात बनेगी
यूँ दूर से शिकवे-गिले मिटते नहीं सनम
आकर गले लगाओ तो कुछ बात बनेगी
इक मेरे चाहने से ना हल होगा मसअला
तुम भी कदम बढ़ाओ तो कुछ बात बनेगी
रूहे-ग़ज़ल को ढूंढना आसान नहीं है
लफ्ज़ो में डूब जाओ तो कुछ बात बनेगी

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hello

hello evary one