रिश्ते ही रिश्ते

नफरत की आंधी में,

तारतार हुए रिश्ते.

नफरत की आग में,

झुलस गए रिश्ते.

टकराहट के घर्षण ने,

बरबाद किए रिश्ते.

दूरियां बढ़ गईं,

अजनबी हुए रिश्ते.

न हम झुके, न तुम झुके,

गुम हुए रिश्ते.

प्रेम की डोर मजबूत हो,

तभी निभेंगे रिश्ते.

सरसता और क्षमा से,

बने रहेंगे रिश्ते,

कुछ तुम सहो, कुछ हम सहें,

मधुर रहेंगे रिश्ते.

ताकत, सहारा और अभिमान,

हमारे रिश्ते.

शिकवा व शिकायत न हो,

ऐसे हों रिश्ते.

जिन का न कोई होता,

वे चाहते हैं रिश्ते.

कदर उस की समझते हैं,

निभाते हैं रिश्ते.

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hello

hello evary one